कला एवं सौंदर्यबोध शिक्षा विभाग (DEAA)
24 नवम्बार 2005 को एनसीईआरटी में कला एवं सौन्दनर्य बोध शिक्षा विभाग की रचना एक पृथक विभाग के रूप में इस संकल्पाना के साथ की गई ;
विकास, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अभिमुखीकरण जैसे विविध क्रियाकलापों के माध्यनम से देश की शिक्षा पद्धति की मुख्य धारा में लाते हुए विद्यालयों में कला के सभी रूपों को बढ़ावा देना और योगदायी नागरिक बनाने में उनको समर्थ बनाने हेतु बच्चों की सौंदर्य बोधात्मकक की संभाव्याताओं को प्रकट करना।
विभाग की भूमिका और प्रकार्य : विकास
- शिक्षण अधिगम सामग्री तैयार करना जिसमें पाठ्यपुस्तगकें, शिक्षक हैंडबुक और विद्यालय के सभी स्त्रों के लिए दृश्य कला, रंगमंच, संगीत और नृत्य में मौलिक निबंध, दृश्या-श्रव्य् सामग्री, मल्टीय-मीडिया कार्यक्रम इत्या्दि शामिल हैं।
- पाठ्यचर्या एवं पाठ्यविवरण की आवधिक समीक्षा तथा इसका विकास करना ।
- कला शिक्षा, संस्कृ।ति शिक्षा और धरोहर शिल्पइ का विद्यालय की समग्र पाठ्यचर्या में समान रूप से एकीकरण।
- क्षेत्रीय शिक्षा संस्थाटनों में कला शिक्षा अध्यायपकों के सेवा-पूर्व प्रशिक्षण और राष्ट्रीमय एवं राज्यर शिक्षा बोर्डों, एससीईआरटी एवं डाइट में सेवाकालीन अध्यासपकों हेतु अध्य यन के पाठ्यक्रमों को डिज़ाइन करना।
- राज्यों के लिए पाठ्यचर्या, पाठ्यविवरण, पाठ्यपुस्त्कों, अनुपूरक सामग्री, अध्यापक प्रशिक्षण माड्यूल्सह इत्यादि तैयार करने के लिए कला शिक्षा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
प्रशिक्षण
- विभिन्नी स्तनरों हेतु कला शिक्षा अध्यापकों के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण/अभिमुखीकरण कार्यक्रम
- सेवा-पूर्व अध्या पक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का विकास
- शिक्षक प्रशिक्षकों हेतु माड्यूल्सप का विकास एवं परीक्षण करना
अनुसंधान
विद्यालयों में विभिन्नय स्तनरों एवं स्थितियों में कला शिक्षा के क्षेत्रों में शिक्षण अधिगम तथा मूल्यांकन प्रक्रिया, विभिन्नय विद्यालयों में नवाचारी और सर्वोत्तिम परिपाटियों के मामला अध्ययन इत्यातदि में अनुसंधान अध्यायनों को संचालन करना।
अनुवीक्षण एवं मूल्यांकन
समय-समय पर अनेक मुद्दे और विषय उठाए गए हैं तथा प्रयास किए गए हैं जिनके प्रभावी कार्यान्व यन हेतु अनुवीक्षण, मार्गदर्शन तथा मूल्यांएकन अपेक्षित है। विभिन्नत स्थितियों में उनके कार्य के अध्येयन, अनुवीक्षण तथा मूल्यांषकन हेतु एनसीईआरटी समय-समय पर कार्यकलाप जारी कर सकती है।
विस्तांरण कार्यक्रम
- इस विभाग को विभिन्ने राष्ट्रीयय, अंतरराष्ट्रीय , क्षेत्रीय, स्थाकनीय सरकारी या गैर सरकारी और संयुक्तू राष्ट्र एजेंसियों का एक मजबूत नेटवर्क का विकास करने की आवश्यकता होगी जो कला एवं संस्कृति विशेषत: बच्चों व विद्यालय शिक्षा, अध्यापक प्रशिक्षण इत्यायदि के क्षेत्र में कार्यरत हों।
- जब कभी राज्यों को इस क्षेत्र में विशेषज्ञता अपेक्षित हो यह विभाग उसे प्रदान करने में समर्थ होगा।